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News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies
1.
केंद्र सरकार ने प्रतीक्षित 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को बुधवार को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत 100 जिलों में फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए सालाना 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे एक करोड़ 70 लाख किसानों को फायदा होगा। यह योजना अगले छह साल चलेगी। योजना में उन जिलों को शामिल किया जाएगा, जो कृषि उत्पादकता में पिछड़े हैं। प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले को इसमें जरूर शामिल किया जाएगा। वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी।
2.
पैकेज्ड फूड का बढ़ता उपभोग एक तरफ तो स्वास्थ्य के लिए चिंताएं बढ़ा रहा है, लेकिन क्रय शक्ति बढ़ने के साथ ही खासतौर पर भारतीय शहरी परिवारों ने अपनी खानपान की शैली को तेजी से बदला है। तेजी से आ रहे बदलावों के विभिन्न पहलुओं को समेटते हुए हाल ही में डेलायट और फिक्की ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें दावा किया गया है कि खानपान तो लगभग हर आय वर्ग का बदला है, लेकिन शहरी संपन्न वर्ग अब अपने मासिक खाद्य बजट का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा पैकेज्ड फूड, बाहर खाने और डिलीवरी पर खर्च कर रहा है।
3.
संसद के सोमवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में सरकार की योजना आठ नए विधेयक पेश करने की है। इनमें भू-विरासत स्थलों एवं भू-अवशेषों का संरक्षण और उनकी सुरक्षा से संबंधित विधेयक शामिल है।
4.
महारत्न कंपनी एनटीपीसी और नवरत्न कंपनी निवेली लिग्नाइट (एनएलसीआइएल) की तरफ से अक्षय ऊर्जा सेक्टर में 27 हजार करोड़ रुपये के नए निवेश प्रस्तावों को सरकार की मंजूरी मिल गई है। एनपीटीसी 20 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश अपनी सब्सिडियरी एनटीपीसी ग्रीन में करेगी, जिससे यह कंपनी वर्ष 2032 तक सोलर व दूसरे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 60 हजार मेगावाट बिजली बनाने लगेगी। एनएलसीआइएल नवीकरणीय यानी अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 7,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक निवेश से वर्ष 2030 तक 10 हजार मेगावाट की बिजली क्षमता स्थापित करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में ये फैसले किए गए।
5.
केंद्रीय कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि ब्यूरोक्रेसी में लेटरल एंट्री को खत्म नहीं किया गया है और सरकार ने इसमें आरक्षण के लिए विकल्प खुला रखा है। हालांकि पहले इसे व्यावहारिक नहीं माना गया था।
6.
क्वांटम कंप्यूटिंग का पूरी दुनिया में तेजी से विस्तार हो रहा है, जो कंप्यूटेशन के जरिये जटिल से जटिल समस्या को चुटकी में सुलझाने की क्षमता रखता है। लेकिन यह पूरी दुनिया की साइबर सुरक्षा के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसे भांपते हुए अमेरिका-कनाडा से लेकर भारत तक के कारपोरेट जगत और इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय क्वांटम कंप्यूटिंग के दुरुपयोग से बचने के उपाय में जुट गए हैं।
7.
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने अब सुरक्षा बल की गतिविधियों को टोह लेने, सीमा पर घुसपैठ, रसद प्राप्त करने और अपने ठिकानों के आसपास के क्षेत्र की निगरानी करने के लिए स्थानीय नेटवर्क के बजाए ड्रोन की मदद लेना शुरू कर दिया है। आतंकियों की यह नई साजिश है। आतंकी ड्रोन को अपने किसी ओवरग्राउंड वर्कर (औजीडब्ल्यू) की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और आम लोगों और अपने मुखबिरों के साथ कम से कम संपर्क बना रहे हैं। पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की शह पर आतंकियों की यह साजिश नई चुनौती पैद कर रही है।
8.
किसी की ओर से भी संविधान के खतरे मॅहोने और लोकतंत्र के लिए संकट खड़ा होने की बात करना भ्रम फैलाना एवं संविधान की अस्मिता पर हमले जैसा है
9.
भारत जैसे विकासशील देश के लिए जनसंख्या एक दोधारी तलवार जैसी हैं। एक और यह देश की ऊर्जा और श्रमशक्ति का स्रोत है, दूसरी और यह संसाधनों पर अत्यधिक दबाव भी डाल रही है। पहले की पीढ़ियां बड़ी जनसंख्या को सामाजिक सुरक्षा, मजदूरी और पारिवारिक मजबूती के रूप में देखती थीं, परंतु आज का युवा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरणीय असंतुलन के संकटों जैसे प्रदूषण, जल संकट, जैव विविधता के ह्रास आदि को लेकर अधिक सजग है। इसलिए अब बहुत से लोग जनसंख्या को केवल संख्या नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं। ग्रामीण युवाओं में भी जनसंख्या और परिवार नियोजन के प्रति चेतना बढ़ी है। स्कूलों में अब यौन शिक्षा और परिवार नियोजन को सकारात्मक रूप में देखा जा रहा है। लड़कियों में आत्मनिर्भरता की भावना बताती है कि शिक्षा प्राप्त लड़कियां प्रजनन संबंधी निर्णय स्वयं लेना चाहती हैं। युवाओं का दृष्टिकोण अब ज्यादा वैज्ञानिक, व्यावहारिक और भविष्य-केंद्रित होता जा रहा है।
10.
मतदान प्रक्रिया को सुचारु, पारदर्शी और समावेशी बनाना भारत में एक बड़ी चुनौती रही है। स्थानीय निकाय चुनावों में मोबाइल फोन आधारित ई-वोटिंग प्रणाली को लागू करने का बिहार का कदम इस दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। बिहार इस नवाचार को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है। बिहार राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, 70.2 प्रतिशत मतदाताओं ने इस नई प्रणाली का उपयोग किया, जबकि 54.63 प्रतिशत ने पारंपरिक मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान किया। यह रुझान न केवल ई-वोटिंग की स्वीकार्यता को दर्शाता है, बल्कि इसके व्यापक उपयोग और भविष्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की संभावनाओं को भी रेखांकित करता है।
11.
अधिकांश वैशिक संगठनों में अमेरिका अब तक प्रभावी भूमिका में रहा है। यह भी कह सकते हैं कि उसका वर्चस्व अन्य देशों की तुलना में कहीं बहुत अधिक रहा है। ऐसे में ब्राजील में हाल ही में आयोजित ब्रिक्स की शिखर बैठक को विशेष संदर्भ में देखा जा सकता है। वस्तुतः इस बैठक में इस मंच के प्रति अमेरिका का असहज होना स्पष्ट रूप से दिखा, जबकि भारत ने अपने हितों से संबंधित मामलों को तथ्यों के साथ मजबूती से रखा। यहीं से ही एक बड़ा अंतर महसूस किया जा सकता है।
12.
महानगरों की चकाचौंध और अर्थव्यवस्था के बड़े-बड़े बड़े-बड़े आंकड़ों के बीच ग्रामीण जीवन में शांत, लेकिन व्यापक परिवर्तन की आहट मिलने लगी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब वर्ष 2021 में देश में पहली बार सहकारिता के लिए अलग से मंत्रालय आरंभ किए जाने की घोषणा की, तो इसकी असली अहमियत के बारे में शायद ही किसी को अंदाजा होगा। लेकिन चार वर्षों में ही अमित शाह के नेतृत्व में यह मंत्रालय एक सुव्यवस्थित, आधुनिक और डाटा आधारित माडल के साथ ग्रामीण इलाकों में आम आदमी के जीवन में बड़े बदलाव का वाहक बनकर उभरा है।
13.
आरबीआइ गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में आगे किसी भी कटौती का फैसला लेने से पहले उभरती स्थिति पर नजर रखते हुए 'देखो और इंतजार करो' का रुख अपनाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि और महंगाई पर नियंत्रण दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ मानक रेपो रेट में कटौती कर रही है। साथ ही इसने तटस्थ रुख अपनाया है। तटस्थ रुख का मतलब है कि आरबीआइ जरूरत के मुताबिक प्रमुख ब्याज दर में घट-बढ़ कर सकता है। केंद्रीय बैंक फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल मिलाकर एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है।
14.
फिच रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि आरबीआइ के 2025 की शुरुआत से बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त नकदी डालने और प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाए रखने की प्रतिबद्धता से 2025 में ब्याज दरों में एक प्रतिशत की कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। आरबीआइ ने सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के माध्यम से 2025 में लगभग 5.6 लाख करोड़ रुपये का टिकाऊ वित्तपोषण किया है, जिसके परिणामस्वरूप मार्च से प्रणाली में नकदी सरप्लस हो गई है।
15.
देश के प्रमुख महानगरों में ग्राउंड-लेवल ओजोन प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह केवल गर्मियों तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे वर्ष इसका प्रभाव देखा जा रहा है। दिल्ली के बाद कोलकाता, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में इस गर्मी में ओजोन प्रदूषण ने चिंता बढ़ा दे है।
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