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News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies

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DAINIK JAGRAN

1.

अभिव्यक्ति की आजादी से ऊपर है जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी को भी कुछ भी कहने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को कोर्ट ने इस तरह के आचरण पर सवाल उठाते हुए आनलाइन सामग्री को रेगुलेट करने के लिए दिशानिर्देश तय करने के संकेत दिए। कोर्ट ने आनलाइन सामग्री को रेगुलेट करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रस्तावित तंत्र संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए, जिसमें स्वतंत्रता और अधिकारों व कर्तव्यों के बीच संतुलन स्थापित हो। शीर्ष अदालत ने जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21) को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार (अनुच्छेद 19) के ऊपर बताते हुए कहा कि यदि अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 21 के बीच प्रतिस्पर्धा होती है तो अनुच्छेद 21 को अनुच्छेद 19 पर हावी होना होगा। ये टिप्पणियां जस्टिस सूर्यकांत और जोयमाल्या बागची की पीठ ने हास्य कलाकारों व पाडकास्टरों से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान कीं।


2.

आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करे एससीओ : जयशंकर

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से भारत ने पुरजोर आग्रह किया है कि वह आतंकवाद जैसे मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करे। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन में एससीओ के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि संगठन अपनी स्थापना के मूल उद्देश्यों के प्रति अटल रहे।


3.

जातीय आधार पर निर्भर दल देश के लिए खतरनाक

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि जातीय आधार पर निर्भर राजनीतिक दल देश के लिए समान रूप से खतरनाक हैं। इस टिप्पणी के साथ उस अर्जी पर सुनवाई से इन्कार कर दिया, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) का राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्ट्रेशन रद करने की मांग की गई थी।


4.

केंद्र सरकार ला रही नई राष्ट्रीय कौशल विकास नीति

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की स्थापना का एक दशक पूरा होने पर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री जयन्त चौधरी ने दावा किया कि इस दौरान भारत के स्किल ईको सिस्टम में बड़ा बदलाव आया है। पहले अलग-अलग मंत्रालय कौशल विकास के लिए कुछ-कुछ काम करते थे, लेकिन इस मंत्रालय की स्थापना के बाद प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चार चरणों में अब तक कुल 1,64,11,441 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है।


5.

आइसीएआर किसानों के लिए है, कंपनियों के फायदे के लिए नहीं

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि बायोस्टिमुलेंट के इस्तेमाल से किसानों को फायदा नहीं हो रहा है। फिर भी संबंधित कंपनियों को साल दर साल इसे बेचने की अनुमति मिल जा रही है। उन्होंने अधिकारियों की निष्ठा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या हमारे पास ऐसी कोई रिपोर्ट है, जिससे सिद्ध हो सके कि इसके प्रयोग से उत्पादन में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) किसानों के लिए है, कंपनियों के लिए नहीं। शिवराज कृषि अधिकारियों के साथ बायोस्टिमुलेंट की अनियंत्रित बिक्री को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने आइसीएआर को वैज्ञानिक जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के साथ छलावा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ साफ चेताया कि अधिकारियों को तय करना होगा कि वे किसानों के साथ हैं या कंपनियों के साथ। अब तमाशा नहीं चलेगा।


6.

गगनयान पार कराएगा देश का नया सितारा

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का मिशन मंगलवार को ड्रैगन 'ग्रेस' अंतरिक्ष यान के कैलिफोर्निया तट पर उतरने के साथ समाप्त होता है, लेकिन उनकी अंतरिक्ष यात्रा की कहानी गगनयान का सफर तय करने तक जारी रहेगी।


7.

शुभांशु का अनुभव भारत के गगनयान मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्णः इसरो

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर 18 दिनों के प्रवास के बाद एक्सिओम 4 मिशन के अपने तीन अन्य साथियों को लेकर ड्रैगन यान 'ग्रेस' से कैलिफोर्निया तट पर सकुशल उतरने वाले भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अनुभव भारत के गगनयान मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।


8.

भारतीयों को सशंकित कर रहा है चीन

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका की दोबारा कमान संभालने के बाद से वैश्विक ढांचे में अस्थिरता अनिश्चितता का भाव निरंतर बढ़ने पर है। नीति निर्माण से जुड़े उनके मनमाने एवं एकतरफा रवैये का असर अमेरिका के दोस्तों के साथ ही उसके प्रतिद्वंद्वियों पर भी समान रूप से पड़ रहा है। यूक्रेन-रूस युद्ध, पश्चिम एशिया में जारी टकराव, दक्षिण एशिया में आतंक का बढ़ता प्रकोप और चीन की आक्रामकता में हो रही वृद्धि जैसे पहलू भी अंतरराष्ट्रीय मामलों की दशा-दिशा पर अपना असर डाल रहे हैं। समय के साथ वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका भी बढ़ी है, तो वैश्विक ढांचे को नया आकार देने में भारतीयों की आकांक्षाएं भी उसी अनुपात में बढ़ रही हैं। आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन ओरआएफ ने एक सर्वे के जरिये इन आकांक्षाओं की थाह लेने का प्रयास किया है। इसमें कुछ दिलचस्प संकेत उभरते हैं। इस बार औरआएफ का विदेश नीति संबंधी सर्वे चीन की चुनौतियों के संदर्भमें युवा भारत के मन की थाह लेने पर केंद्रित है। आखिर देश का युवा विदेश नीति संबंधी निर्णयों एवं चुनौतियों को किस रूप में देखता है। इस सर्वे में देश के 19 शहरों में 11 भाषाओं के जरिये 18 से 35 वर्ष की आयु के पांच हजार से अधिक युवाओं से संवाद किया गया। चूंकि यह सर्वे पिछले वर्ष 22 जुलाई से 26 सितंबर के बीच हुआ, इसलिए इसमें ट्रंप के दोबारा अमेरिका की कमान संभालने के प्रभाव से लेकर पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में आपरेशन सिंदूर जैसे अभियान एवं भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर नजरिया सामने नहीं आ सका, लेकिन इसकी व्यापक झलक जरूर मिलती है कि वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों और उनके प्रति भारत के दृष्टिकोण को लेकर हमारा युवा वर्ग क्या सोचता समझता है। सबसे प्रमुख पहलू तो यह उभरा कि भारत की विदेश नीति के प्रति समर्थन में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है और करीब 88 प्रतिशत उत्तरदाताओं का रवैया इसे लेकर सकारात्मक है। वर्तमान परिस्थितियों से निपटने में भारत की सफलता को लेकर यह बढ़ते भरोसे का प्रतीक है। चीन को लेकर भावनाओं का आकलन करना था तो उत्तरदाताओं के बीच भी इस मुद्दे की महत्ता बखूबी महसूस हुई। 89 प्रतिशत ने माना कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। 86 प्रतिशत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को दूसरी, जबकि 85 प्रतिशत ने पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद को तीसरी सबसे प्रमुख चुनौती के रूप में चिह्नित किया।


9.

निराश-हताश करती नौकरशाही

नौकरशाही के कार्य-व्यवहार को जानने के लिए चंद दिनों की कुछ चर्चित घटनाओं पर चर्चा करते हैं। कुछ दिनों पहले गुजरात में दो प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला एक पुल गिर गया। महिसागर नदी पर बने गंभीरा पुल के दो हिस्सों में टूटने से उस पर चल रहे कई वाहन नदी में गिर गए। इस हादसे में मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच चुकी है। इस हादसे के बाद शोक संवेदना, जांच, कार्रवाई के वैसे ही स्वर सुनाई दिए, जैसे सुनाई देते रहते हैं। पुल गिरने के लिए कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। इन निलंबित अधिकारियों को देर सबेर बहाल कर दिया जाए तो बड़ी बात नहीं। यह पुल 40 साल पुराना था, लेकिन इतना पुराना पुल बहुत पुराना नहीं होता। आमतौर पर पुल सौ साल तक चल जाते हैं। देश में अंग्रेजों के बने कई पुल कायम हैं, लेकिन भारतीयों के बनाए पुल बनने के पहले ही गिर जाते हैं।


10.

सतत विकास लक्ष्य हासिल करने की चुनौती

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की प्रगति पर वार्षिक विकास रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए अब केवल पांच वर्ष शेष हैं, इसलिए हमें तेजी से काम करने की जरूरत है, तभी निर्धारित लक्ष्यों के करीब पहुंचा जा सकता है। दरअसल 10वें वार्षिक सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट-2025 से प्रतीत होता है कि मौजूदा गति से 2030 तक सतत विकास से जुड़े सभी लक्ष्यों को पूरी तरह से हासिल कर पाना संभव नहीं होगा।


11.

अंतरिक्ष में भारत की नई उपलब्धि

अंतरिक्ष तरिक्ष एक जटिल दुनिया है। सदियों से उसे समझने का सिलसिला जारी है, पर अंतरिक्ष का विस्तार ही इतना है कि उसके अनगिनत रहस्यों और उसकी सीमाओं का पता ही नहीं चलता। अंतरिक्ष को जानने की एक कोशिश साढ़े छह दशक पहले तब हुई थी, जब सोवियत संघ के यूरी गागरिन ने 12 अप्रैल, 1961 को वोस्तोक-1 नामक के यान से अंतरिक्ष में कदम रखा था और पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी की थी। दूसरी ऐसी उपलब्धि 20 जुलाई, 1969 की है, जब नासा (अमेरिका) के नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज एल्ड्रिन चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने थे। तब कहा गया कि मनुष्य के लिए यह एक छोटा कदम है, पर मानवता के लिए बड़ी छलांग है। ऐसी कुछ उपलब्धियां भारत के खाते में भी दर्ज हैं, लेकिन इनमें सबसे ताजा घटनाक्रम भारतीय अंतरिक्षयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष गमन और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) पर 18 दिन रहकर कई प्रयोग करने के बारे में हैं। शुभांशु शुक्ला के प्रयोगों का एक बड़ा उद्देश्य इसरो के भावी गगनयान और अन्य अंतरिक्ष अभियानों को सफल बनाना है। इन्होंने अपने प्रयोगों के माध्यम से यह भी जानने का प्रयास किया कि अंतरिक्ष का वातावरण पौधों और सूक्ष्म जीवों पर कैसे असर डालता है। साथ ही अंतरिक्ष का शून्य अथवा न्यून गुरुत्वाकर्षण (माइक्रोग्रैविटी) का क्या प्रभाव होता है।


12.

शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी

भारत में परत में पिछले एक दशक में कई स्तरों पर महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। ये परिवर्तन 1991 के बाद शुरू हुए जब भारत ने वैश्विक आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया। आर्थिक उदारीकरण के परिणामस्वरूप लोगों के आर्थिक व्यवहार में भी उल्लेखनीय बदलाव आया है। कम ब्याज दरों पर कर्ज और ईएमआइ भुगतान से लेकर शेयर बाजार तक, हर क्षेत्र में एक नई उत्सुकता देखने को मिली है। आज भारत की आर्थिक प्रगति, लोगों के बीच बढ़ती समृद्धि और विकासात्मक अर्थशास्त्र का एक नया परिदृश्य सामने आया है। भारत अब लोक कल्याणकारी और मिश्रित अर्थव्यवस्था के दौर से आगे बढ़कर सर्व-समावेशी विकास की दिशा में अग्रसर है। हालिया भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच भारत का आर्थिक परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है। वैश्विक वित्तीय संस्था मार्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो भारत का प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक सेंसेक्स अगले 12 महीनों में एक लाख के आंकड़े को पार कर सकता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआइ) में समय-समय पर सुधार देखने को मिलता है, लेकिन वैश्विक निवेश बाजार में भारत के प्रति विश्वास का स्तर अभी भी उच्च है। मार्गन स्टेनली का पूर्वानुमान केवल एक आर्थिक भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि यह भारत के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में हो रहे गहरे और बुनियादी परिवर्तनों का भी एक संकेत है।


13.

अमेरिका और चीन को बढ़ा भारतीय निर्यात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिका और चीन दोनों ही बाजार में भारतीय निर्यात को बढ़त मिलती दिख रही है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अमेरिका होने वाले निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22.18 प्रतिशत तो चीन में होने वाले निर्यात में 17.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


14.

50 हजार रुपये से कम आय वाले 93% लोग क्रेडिट कार्ड पर निर्भर

एक अध्ययन के मुताबिक, पचास हजार रुपये से कम कमाने वाले लगभग 93 प्रतिशत वेतनभोगी लोग क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हैं। इस अध्ययन में 12 महीने की अवधि के दौरान 20 हजार से अधिक लोगों के खर्च का विश्लेषण किया गया और कहा गया है कि 85 प्रतिशत खुद का कारोबार करने वाले व्यक्ति भी क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हैं।


15.

छोटे-गैर मेट्रो शहरों में तेजी से बढ़ रहे रोजगार

भारत के गैर मेट्रो शहरों में रोजगार बढ़ने के साथ ही आर्थिक अवसरों में वृद्धि हो रही है। पेशेवर नेटवर्क प्लेटफार्म लिंक्डइन की ''सिटीज आन द राइज" रिपोर्ट में विशाखापत्तनम, रांची, विजयवाड़ा, नासिक और रायपुर को सबसे तेजी से बढ़ते गैर मेट्रो केंद्रों के तौर पर चिन्हित किया गया है, पेशेवर अवसरों में तेजी आ रही है। रिपोर्ट में उभरते हुए टियर-2 और टियर-3 शहरों (राजकोट, आगरा, मदुरै, वडोदरा और जोधपुर) पर भी प्रकाश डाला गया है। ये शहर उन पेशेवरों के लिए उपयुक्त हैं, जो स्थानीय स्तर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं। रिपोर्ट में इन उभरते शहरों की सफलता का श्रेय केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्थानीय विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को दिया गया है।


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DAINIK JAGRAN (16 Jul 2025) | Daily News Highlights